एक पल हमारी जीवन में कितना महत्व रखता है ये कभी सोचा है आपने, नहीं न। इस एक पल में कितना कुछ बदल जाता है। ये कोई नहीं जानता है पर इसके बदलने से हमारा जीवन बदल जाता है। ये एक पल किसी के जीवन में खुशी ला देता है तो दूसरी ओर गम। एक पल में इंसान ख़ुशी से भर जाता है तो दूसरी ओर उसे गम ही प्राप्त होता है। इस ख़ुशी और गम का तालमेल मेरे जीवन में एक साथ देखने को मिला। एक पल इतनी ख़ुशी मिली की हमसे सहेजी न गई तो दूसरी ओर इतना गम मिला की सहा न गया। आज भी वो दिन याद है जब मुझे इतनी बड़ी ख़ुशी मिली थी। तो मन में कई सपने संजोये थे की मानो पूरी संसार की ख़ुशी हमारी झोली में आ गयी। पर किसी ने सच ही हस्त हुआ चेहरा धोखा है। धीरे-धीरे मेरी ख़ुशी बढ़ती जा रही थी सपने ने उड़ने भरना शुरू कर दी थी, की अचानक जैसे हमारे सपनो को हमारी नज़र लग गयी थी एक ही पल में सब बदल गया। जिसके लिए मई इतनी खुश थी उसी की वजह से आज बहुत जयादा दुखी भी हूपर इस नाराज़गी का कारन क्या आज तक हमे मालूम न हुआ। बस एक ख्वाहिश रह गयी दिल में की काश मेरी वो गलती मुझे पता हो जाती तो हमें इतना दुःख न होता। ये एक पल हमारे चहरे के मुस्कान व उसी चहरे पर उदासी का कारन बन सकती है। मेरी हमेशा शिकायत रहेगी उस इन्सान से की आखि मेरी गलती क्या थी इतना तो बता दिया होता।
deeps media
शुक्रवार, 22 अगस्त 2014
बुधवार, 20 अगस्त 2014
stri or purush bhin hai or yahi unka akarshan bhi
मंगलवार, 19 अगस्त 2014
sawan ka pahla din
सावन का पहला दिन। इस बार सावन का पहला दिन मेरी जिंदगी का सबसे ख़ास रहा। क्यूंकि इस दिन से ही मेरी जिंदगी में हरियाली आ गई। वैसे भी सावन के आते ही पर्यावरण में हरियाली आ जाती है, ठीक उसी प्रकार इस सावन की फुहार ने मेरी जिंदगी में बारिश की चाँद बून्द से इस सूखे हुए पेड़ को हरा भरा कर दिया है।जैसे एक बेजान व सूखे पेड़ में सावन की फुहार से उसकी चमक लौट आती है। पहले अधूरी थी मई पर अब मई पूरी हूँ जैसे दिए के संग बाती , सावन के संग हरियाली , बिना स्याही के कलम। आज इतनी खुशी मिली है मुझे की इन चंद लफ्ज़ो में कहना आसान नहीं है पर फिर भी मन है जो मानता ही नहीं है तोह अपने उस बेहतरीन पल को याद करके मै ये लिख रही हूँ। इस बार का सावन मेरी जिंदगी का खा बन गया
बुधवार, 9 अप्रैल 2014
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